Hindi Archive
बालगोबिन भगत पाठ सार (Balgobin Bhagat Summary) लेखक बालगोबिन भगत के बारे में बताते
‘रावण का दहन और मेरे अंदर चल रहे विचाकों का द-हन’ बहुत दिन से
इस देश में कन्या - शिक्षा एवं आत्मनिर्भरता न होने का इससे दु:खद परिणाम
कहते हैं कि अजातशत्रु का वास्तविक नाम क्या था, यह तो कोई नहीं जानता,
प्रश्न 1: कृषक समाज के साथ पशुओं के भावनात्मक संबंध को समझाती कहानी के
इस बार मैं सचमुच लौटी थी ; सारी आशाओं को मिटाकर लौटी थी ;
वह विशिष्ट भक्त अब भी निर्बाध आता था व लगभग सभी देवी-यात्राओं में
पढ़ने की आदत कैसे डालें – 1 आज थोड़ी सी अलग किस्म की पोस्ट
आज से तीन दिन पहले मैं औरंगाबाद आई थी। वहाँ मेरा एक साथी रहता
इस प्रकार वाच्य को हम कथन के कहने का ढंग मान सकते हैं। कथन
निपातों का प्रयोग कही गई बात पर बल देने के लिए किया जाता है।
१. विस्मय बोधक ( आश्चर्य भाव ) -- अरे! हें! क्या! हे भगवान!
'समुच्चय' का शाब्दिक अर्थ है -- जोड़ा। समुच्चयबोधक अव्यय जोड़ा बनाने वाले शब्दों को
यह स्मरण रहना चाहिए कि प्रत्येक संबंधबोधक अव्यय से पूर्व उपयुक्त परसर्ग अवश्य लगाया
परिभाषा :- वे शब्द, जो क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया विशेषण
दुआ यही हम करते हैं,
तारीफ़ तुम्हारा साया हो।
हर मौके-दर-मौके पर,
तारीफ़ ने
व्याकरण के नियमों के अनुसार वाक्य में जिन पदों ( शब्दों ) से कार्य
संज्ञा तथा ( अथवा ) सर्वनाम की विशेषता बताने वाले शब्दों को 'विशेषण' कहते