Hindi Archive

संज्ञा ( व्याकरण से आंशिक )

तो इस प्रकार संज्ञा 'नाम' है; 'पहचान' है; 'परिचय' है । किसी भी व्यक्ति,

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यह प्रार्थना मुझे अत्यंत प्रिय है। मेरे स्कूल में प्रतिदिन हुआ करती थी। ….

समास (व्याकरण से आंशिक)

समास -- का शाब्दिक अर्थ है -- छोटा करना या संक्षिप्त करना। एक बड़े

विसर्ग संधि (व्याकरण से आंशिक)

विसर्ग का 'ओ' बन जाना -- यदि विसर्ग 'अ' के साथ हो, तथा '+'

व्यंजन संधि (व्याकरण से आंशिक)

३. 'त' संबंधी नियम - क. यदि '+' चिह्न के पहले 'त् ' हो

रक्षक पर भक्षक को वारे : न्याय सिद्धि का दानी ( बुद्ध पूर्णिमा पर विशेष )

हंस को थोड़ी राहत मिली। उसने आँखें खोल दीं। उतनी देर में वहाँ देवदत्त

स्वर संधि (व्याकरण से आंशिक)

४. वृद्धि संधि :- विपरीत स्वरों में से एक अथवा दोनों के दीर्घ रूप

उपसर्ग व प्रत्यय (व्याकरण से आंशिक)

उपसर्ग व प्रत्यय दोनों के संबंध में एक और बिंदु महत्त्वपूर्ण है। वह यह

सच का आइना (कहानी)

देखते ही देखते समय गुज़रा और मैं लड़कपन ( किशोरावस्था ) की दहलीज़ पर

अभिवादन ! ( संक्षिप्त निबंध )

वास्तव में अभिवादन अन्य के प्रति हमारे प्रेम तथा विनम्रता की अभिव्यक्ति होती है।

पानी-पानी रे (कविता)

पानी-पानी रे..... ! पानी-पानी रे........! बारिश में पानी भर जाए, गड्ढे उछलें ऐसे.., ‌

तत्सम् एवं तद्भव (व्याकरण से आंशिक)

अब ऐसे ही जब तद्भव शब्द बनते हैं, तो उनका रूप बिगड़ता है -

शब्द विचार (व्याकरण से आंशिक)

मूल शब्द से एक नया शब्द निर्मित होने की प्रक्रिया केवल एक प्रकार की

*घुमंतू* ( हास्य-व्यंग्य कविता )

हिंदी साहित्य के अग्रणी कवि आदरणीय 'श्री अरुण कमल‌ जी' द्वारा रचित कविता

अपने वर्णों को जानें ( हिंदी वर्णमाला ) व्याकरण से आंशिक

६. जहाँ तक क़ , ख़ , ग़ , ज़ , फ़ व्यंजनों का

अपने वर्णों को जानें (अक्षरों की रीति)‌ व्याकरण से आंशिक

स्वरों तथा व्यंजनों के मेल से अक्षर विविध रूपों में बनते हैं - १.

अपने वर्णों को जानें। ‌ ( व्याकरण से आंशिक)

हम पढ़ते हैं, वर्ण वह सबसे छोटी इकाई है; वह सबसे ‌छोटा अंश है,

मुझे क्यों याद आते हो? ( कविता )

उसी‌‌ आवाज़ ने हमको, आशाएँ दे डालीं हैं। प्रगति की किरण‌ दिखाई है, उन्नति मार्ग