education Archive
‘रावण का दहन और मेरे अंदर चल रहे विचाकों का द-हन’ बहुत दिन से
इस देश में कन्या - शिक्षा एवं आत्मनिर्भरता न होने का इससे दु:खद परिणाम
कहते हैं कि अजातशत्रु का वास्तविक नाम क्या था, यह तो कोई नहीं जानता,
इस बार मैं सचमुच लौटी थी ; सारी आशाओं को मिटाकर लौटी थी ;
वह विशिष्ट भक्त अब भी निर्बाध आता था व लगभग सभी देवी-यात्राओं में
What are the examples of curriculum with holistic approach? How it helps ? A
Why few people burst emotionally very frequently ? There are several reasons why some
What are the demerits of children thinking a lot about money ? Thinking too
list of objections parents may have for online examination.
Answer these questions. 1. How did mankind’s tryst with storytelling begin? 2. What do
आज से तीन दिन पहले मैं औरंगाबाद आई थी। वहाँ मेरा एक साथी रहता
इस प्रकार वाच्य को हम कथन के कहने का ढंग मान सकते हैं। कथन
निपातों का प्रयोग कही गई बात पर बल देने के लिए किया जाता है।
१. विस्मय बोधक ( आश्चर्य भाव ) -- अरे! हें! क्या! हे भगवान!
'समुच्चय' का शाब्दिक अर्थ है -- जोड़ा। समुच्चयबोधक अव्यय जोड़ा बनाने वाले शब्दों को
यह स्मरण रहना चाहिए कि प्रत्येक संबंधबोधक अव्यय से पूर्व उपयुक्त परसर्ग अवश्य लगाया
परिभाषा :- वे शब्द, जो क्रिया की विशेषता बताते हैं, उन्हें क्रिया विशेषण
दुआ यही हम करते हैं,
तारीफ़ तुम्हारा साया हो।
हर मौके-दर-मौके पर,
तारीफ़ ने