Online class
सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि बच्चे ऑनलाइन क्लास से बिल्कुल भी संतुष्ट नहीं है लोग मानें या ना मानें मगर यही सत्य है!आनलाइन क्लास से सिर्फ औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं!
वर्चुअल क्लास’ का ये सेटअप असल क्लास से बिल्कुल अलग है|इसमें क्लास तो चल रही होती है, मगर सामने बच्चे नहीं दिखते|बच्चे क्या कर रहे हैं और कितना समझ रहे हैं, इसका भी पता चल ही नहीं पाता है| बच्चें ऑनलाइन क्लास से कितना संतुष्ट हैं इसका अंदाजा लगाया जा सकते हैं| बच्चो का मूल्यांकन भी सही आधार पर नहीं हो पाता है|
कई जगहों पर इंटरनेट की सुविधा साथ ही आधुनिक डिजिटल उपकरण नही पहुंचने के कारण ऑनलाइन शिक्षा से वंचित छात्रों व उन के अभिवावकों का चिंतित होना स्वाभाविक है। मैं दसवीं के बोर्ड एग्जाम के बाद से स्कूल नहीं गया हूं| पिछले वर्ष अप्रैल में 12वीं में पहुंचा | कभी कभी मन उदास हो जाता है यह सोचते सोचते की हमारे आगे के भविष्य का क्या होगा? हमने अपने स्तर से जो विश्लेषण किया उनमें से कुछ बातें और भी निकल कर सामने आई| हर बच्चों के घर में वैसा माहौल नहीं होता है की वो घर में आराम से पढ़ाई कर सके| घर में रहने के बाद घर के कार्यों को लेकर काफी डिस्टरबेंस आते है| कभी ये काम कभी वो काम| जो बच्चे उम्मीद से ये सपने संजोए हुए थे अच्छे इंस्ट्यूट में पढ़ रहा हूं कहीं अच्छे जगह जरूर पहुंच जाऊंगा लेकिन कोरोना के नाम पर इन सपनों पर पानी फेर गया| काफी दुखदायी स्थिति बन गई है| उम्मीद पर दुनिया कायम है इसी उम्मीद से पिछले दिनों कई महिनों बाद पिछले वर्ष सितंबर में विद्यालय खुले| फिर से विद्यालय पुनः जनवरी को कोरोना की चपेट में आने के पश्चात सारे शैक्षणिक संस्थानों को बंद कर दिया गया| मैं भी आस लगा कर बैठा हूं की स्कूल पुनः जल्द ही खुल जायेंगे| खैर अब भी उम्मीद के भरोसे हो बैठे हुए है| इससे बच्चो के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर होगा| जो आने वाली पीढ़ी भुगतेगी| फिलहाल वर्तमान में इसका कोई असर नहीं दिखेगा |हम कितने पीछे जायेंगे इसका अंदाजा नहीं लगा सकते है|
~दिव्यांश~
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