Daily Archive: Sunday, March 21, 2021

पानी-पानी रे (कविता)

पानी-पानी रे..... ! पानी-पानी रे........! बारिश में पानी भर जाए, गड्ढे उछलें ऐसे.., ‌

तत्सम् एवं तद्भव (व्याकरण से आंशिक)

अब ऐसे ही जब तद्भव शब्द बनते हैं, तो उनका रूप बिगड़ता है -