ज्ञानकट्टा

सर्वनाम ( व्याकरण से आंशिक )

सर्वनाम ( व्याकरण से आंशिक )

Indian schoolboy in classroom, English language class, Rajasthan, India

व्याकरण के पाठों की आज की कड़ी में हम सर्वनामों पर चर्चा करेंगे। जिन शब्दों का प्रयोग हम संज्ञा के स्थान पर करते हैं, उन्हें सर्वनाम कहते हैं। कृपया इस परिभाषा को ध्यान से पढ़िए। *संज्ञा के स्थान पर* अर्थात् जिस वाक्य में संज्ञा नहीं होगी, वास्तव में उस वाक्य में आया हुआ सर्वनाम ही उचित रूप से सर्वनाम माना जाएगा।

उदाहरण :- यह घर मेरा है। × सर्वनाम प्रयोग।

यह मेरा है। ✓ सर्वनाम प्रयोग।

अपना काम करो। × सर्वनाम प्रयोग।

अपने-आप जाओ। ✓ सर्वनाम प्रयोग।

सर्वनाम के भेद : सर्वनाम के भेद कुछ इस प्रकार गिनाए जाते हैं —

१. पुरुषवाचक सर्वनाम ( उत्तम पुरुषवाचक, मध्यम पुरुषवाचक, अन्य पुरुषवाचक ) २. निश्चयवाचक सर्वनाम ३. अनिश्चयवाचक सर्वनाम ४. संबंधवाचक सर्वनाम ५. निजवाचक सर्वनाम ६. प्रश्नवाचक सर्वनाम

कुछ पुस्तकों में पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेदों को मुख्य भेदों के समान भी बताया जाता है। वह भी सही है।

१. उत्तम पुरुषवाचक सर्वनाम : वक्ता अर्थात् बोलने वाले के द्वारा स्वयं को संबोधित किए जाने वाले सर्वनाम। मूल शब्द हैं — मैं , हम आदि ।

२. मध्यम पुरुषवाचक सर्वनाम : वक्ता द्वारा श्रोता के लिए बोले जाने वाले सर्वनाम। मूल शब्द हैं — तू , तुम , आप।

३. अन्य पुरुषवाचक सर्वनाम : वक्ता द्वारा किसी अन्य के लिए बोले जाने वाले सर्वनाम। मूल शब्द हैं — वह , वे आदि।

( टिप्पणी — मूल शब्दों के कारकों में प्रयोग होने पर शेष पुरुषवाचक सर्वनाम रूप प्रकट होते हैं। सर्वनामों में संबोधन कारक नहीं होता। )

४. निश्चयवाचक सर्वनाम : इस सर्वनाम का प्रयोग अधिकतर वस्तुओं, स्थानों आदि के लिए होता है। मूल शब्द हैं — यह, वह आदि।

५. अनिश्चयवाचक सर्वनाम : जब व्यक्ति, वस्तु , प्राणी अथवा स्थान निश्चित न हो, तब इस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। मूल शब्द हैं — कुछ, कोई, किसी, कभी, किन्हीं आदि।

६. संबंधवाचक सर्वनाम : जब दो उपवाक्यों को आपस में जोड़ना हो, तब इस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। मूल शब्द हैं — जो ( शेष रूप – जैसा, जिस, जिसने आदि, कारक, लिंग, वचन आदि के परिवर्तन से प्रकट होते हैं। )

७. निजवाचक सर्वनाम : जब कार्य करने में निजता दर्शानी हो, तब इस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। मूल शब्द हैं — स्वयं, ख़ुद, अपने-आप। निजवाचक सर्वनाम अपरिवर्तनीय होते हैं। इन पर कारक, काल, लिंग, वचन आदि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

८. प्रश्नवाचक सर्वनाम : जब किसी वाक्य द्वारा कोई प्रश्न पूछना हो, तो इस सर्वनाम का प्रयोग किया जाता है। मूल शब्द हैं — क्या, कौन, किस, किन, किसे, किन्हें, क्यों आदि।

सर्वनाम किसी भी संज्ञा को प्रतिस्थापित कर सकते हैं। इसलिए इन्हें साधारण भाषा में ‘सबका नाम’ भी कहा जाता है।

‘सर्वनाम’ के अंतर्गत इतना ही। विद्यार्थी अधिक जानकारी के लिए उत्तम गुणवत्ता की‌ व्याकरण पुस्तकों से पाठ को देखें।

….. श्री …..

इस अंक में ली गई छवि को हमने पिक्साबे साइट से साभार उद्धरित किया है।

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