प्रशांत महासागर में खोजी गई शार्क की एक नई प्रजाति
प्रशांत महासागर में खोजी गई शार्क की एक नई प्रजाति
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र -3 : प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
(खंड – संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन)
संदर्भ
गौरतलब है कि हाल ही में वैज्ञानिकों के द्वारा ग्लो इन द डार्क शार्क (glow-in-the-dark shark) की एक नई प्रजाति की खोज की गई है जिसकी एक बड़ी नाक है| इसका भार एक किलो से थोड़ा ही कम है| साथ ही इसकी लम्बाई भी एक फुट से कम है|
महत्त्वपूर्ण बिंदु
ध्यातव्य है कि यह नई प्रजाति लैंटर्नशार्क परिवार (lanternshark family) की सदस्य है| इसका नाम एटमोप्टेरस लेले (Etmopterus lailae) रखा गया है|यह उत्तर पश्चिमी हवाई द्वीपों के तट पर प्रशांत महासागर में 1,000 फीट की गहराई पर पाई गई है|इसके आकार के कारण इस प्रजाति के विषय में और अधिक जानकारी हासिल करने के लिये गहन अध्ययन किया गया है तथा अध्ययन के पश्चात् यह तथ्य निकलकर सामने आया है कि यह बहुत गहरे जल में रहती हैयह शार्क अन्य शार्कों के समान आसानी से नहीं दिखाई देती हैं| यही कारण है कि इन तक पहुंचना भी आसान नहीं होता है|वास्तव में इस नई प्रजाति में बहुत सी अद्वितीय विशेषताएँ विद्यमान है और इसकी यही विशेषताएँ इसे अन्य लैंटर्न शार्कों से पृथक करती हैं|इसके सिर का आकार विचित्र होता है तथा इसका थूथन भी (snout) बड़ा होता है जहाँ पर इसके नाक और घ्राण अंग स्थित होते हैं|ये जीव गहरे समुद्री परिवेश में रहते हैं जहाँ पर लगभग पूर्ण अंधकार रहता है इसलिये इन्हें भोजन प्राप्त करने के लिये बड़े घ्राण अंगों की आवश्यकता होती है|इसकी कुछ अन्य विशिष्ट विशेषताओं में इसके पार्श्व चिन्ह शामिल हैं जो कि इसके पेट के अग्र व पश्च भाग पर स्थित होते हैं| इसके अतिरिक्त इसके थूथन के नीचे धारी रहित एक नग्न पैच भी होता है| शोधकर्ताओं के अनुसार, अन्य लैंटर्नशार्कों के समान एटमोप्टेरस लेले जैव प्रतिदीप्त (Bio-luminescent) है और इसके पेट के नीचे का हिस्सा अँधेरे में चमकता है| इस नई प्रजाति के पेट के निशान और पूंछ भी इसी प्रकार की विशिष्टता धारण किये हुए है|
स्रोत : द हिंदू