Fatehpur Sikri

फतेहपुर सीकरी को अकबर द्वारा अपनी नई राजधानी के रूप में विकसित किया गया ज्ञातव्य हो कि सीकरी में शेख सलीम चिश्ती के आशीर्वाद से अकबर को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई थी जहांगीर ने अपनी आत्मकथा तुजुक ए जहांगीरी में लिखा है पिता ने मेरे जन्म स्थान सीकरी गांव को अपने लिए सौभाग्य समझ कर उसे राजधानी बनाने का निश्चय किया 1570 में गुजरात विजय के उपलक्ष्य में उसने सीकरी का नाम बदलकर फतेहपुर सीकरी रखा फतेहपुर सीकरी एक छोटा सा नगर है जो आगरा से 22 मील दूर स्थित है यह नगर 7 मील क्षेत्र में एक पहाड़ी पर बना है इसका उत्तर पश्चिमी भाग कृत्रिम झील से सुरक्षित है शेष 3 दिशाओं में इसे ऊंची चाहरदीवारी से सुरक्षित किया गया है इसके कुल 9 प्रवेश द्वार हैं इसके प्रमुख इमारतों में हमें दो तरह के भवनों का अस्तित्व मिलता है धार्मिक तथा महल महिलाओं में जोधाबाई मरियम सुल्ताना तथा बीरबल महल स्थापत्य कला की दृष्टि से उत्कृष्ट हैं अधिकांश इमारतें दो मंजिल की हैं और पर्दा बनाए रखने के लिए ऊंची दीवारों से घिरी हैं फतेहपुर सीकरी की निर्माण योजना के कार्य वन का श्री महान कला विशेषक बहाउद्दीन को है फतेहपुर सीकरी की धार्मिक इमारतों में जामी मस्जिद बुलंद दरवाजा शेख सलीम चिश्ती की दरगाह और इस्लाम खां का मकबरा विशेष महत्व है