UNESCO

 संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन United Nations Educational, Scientific and Cultural Organisation – UNESCO

1945 में ब्रिटेन एवं फ्रांस की सरकारों द्वारा संयुक्त राष्ट्र के शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (युनेस्को) के निर्माण हेतु एक सम्मेलन आयोजित किया गया।
सम्मेलन में स्वीकृत एक विधान के अनुरूप 4 नवंबर, 1946 को युनेस्को अस्तित्व में आया। दिसंबर 1946 में इसे विशिष्ट अभिकरण का दर्जा प्राप्त हुआ। इसका मुख्यालय पेरिस में है। यूनेस्को की सदस्य संख्या 195 है (जुलाई 2014 की स्थिति के अनुसार इसमें 9 सहयोगी सदस्य और 2 पर्यवेक्षक राष्ट्र शामिल हैं)। सं.रा.अमेरिका ने 1984 में अपनी सदस्यता वापस ले ली। ब्रिटेन 1985 में संगठन से बाहर चला गया किंतु 1997 में पुनः शामिल हो गया। अरूबा, ब्रिटिश वर्जिन आइलैंडस, मकाऊ तथा नीदरलैंड एंटीलीस इसके सहयोगी सदस्य हैं।
यूनेस्को की गतिविधियाँ लोकप्रिय शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु ज्ञान की वृद्धि, विसरण एवं निरंतरता रखने तथा लोगों की आपसी समझ एवं ज्ञान की उन्नति के कार्य में सहयोग करने के व्यापक आदेश-पत्र पर आधारित हैं।
संगठन द्वारा अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों का आयोजन, विशिष्ट अध्ययनों का संचालन, तथ्यात्मक सूचनाओं का वितरण शब्द एवं चित्र द्वारा विचारों के मुक्त प्रवाह का संवर्द्धन, व्यक्तियों व् अन्य सुचना सामग्रियों के विनिमय को प्रोत्साहन ऐतिहासिक व वैज्ञानिक महत्व की पुस्तकों तथा अन्य कलात्मक कृतियों के संरक्षण जैसे कार्य सम्पन्न किये जाते हैं। युनेस्को सदस्य देशों के साथ शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विकास में सहयोग करता है।
युनेस्को द्वारा बौद्धिक सहयोग के संवर्द्धन हेतु अनेक गैर सरकारी संगठनों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। यह ऐसी राष्ट्रीय परियोजनाओं को समर्थन देता है, जिनका लक्ष्य सभी के लिए जीवनपर्यंत शिक्षा के उद्देश्य की ओर शिक्षा प्रणालियों को पुनःपरिवर्तित करना होता है।
यह मुख्यतः चार क्षेत्रों पर ध्यान केन्द्रित करता है-
1.सभी के लिए मूलभूत शिक्षा उपलब्ध कराना 2.मूलभूत तक पहुंच का विस्तार करना 3.मूलभूत शिक्षा की गुणवत्ता सुधारना, 4.तथा 21वीं सदी के लिए शिक्षा
53 देशों में शिक्षा के लिए युनेस्को के क्षेत्रीय व उप-क्षेत्रीय कार्यालय मौजूद हैं। विकासात्मक प्रयासों के एक अंग के रूप में युनेस्को द्वारा शैक्षिक सुविधाओं के आध्रुनिकीकरण, शिक्षकों के प्रशिक्षण, विज्ञान एवं सामाजिक विज्ञानों के शिक्षण में सुधार तथा वैज्ञानिकों व इंजीनियरों के प्रशिक्षण पर ध्यान दिया जा रहा है।
युनेस्को के ढांचे के भीतर अंतरराष्ट्रीय शैक्षिक नियोजन संस्थान (आईआईईपी) तथा अंतरराष्ट्रीय शिक्षा ब्यूरो (आईबीई) द्वारा शिक्षा के प्रोत्साहन हेतु कार्य किया जाता है। आईआईईपी की स्थापना 1963 में पेरिस में की गयी थी। यह शोध व प्रशिक्षण की संवर्द्धित करता है। 1925 में स्थापित आईबीई 1969 से युनेस्को का अभिन्न अंग बन चुका है। इसका कार्यालय जेनेवा में है। यह मानवीय व नागरिक मूल्यों के संरक्षण तथा शैक्षिक पाठ्यक्रमों, पद्धतियों व सामग्रियों के पुनर्सशोधन पर ध्यान केन्द्रित करता है।
युनेस्कोअंतर्राष्ट्रीय सहयोह को बढ़ावा देता है तथा समग्र जीवन स्तर में सुधार लेन वाले वैज्ञानिक शोध कार्यों को प्रोत्साहित करता है। काहिरा, जकार्ता, नैरोबी, दिल्ली, मोंटेवीडयो तथा वेनिस में विज्ञान सहयोग कार्यालय स्थापित किये गये हैं। विज्ञान विकास कार्यक्रमों का लक्ष्य उच्चतर शिक्षा उपलब्ध कराना तथा प्राकृतिक एवं सामाजिक विज्ञानों में शोध व प्रशिक्षण को उन्नत करना होता है। ये कार्यक्रम शांति, मानवाधिकार, युवा कल्याण एवं विकास, सामाजिक रूपांतरण का प्रबंधन, मानव जीनोम एवं जीवमंडल जैसे मुद्दों पर केन्द्रित होते हैं।
प्राकृतिक विज्ञान एवं तकनीक के क्षेत्र में कुछ विशिष्ट कार्यक्रम इस प्रकार हैं- पर्यावरणीय संसाधन हेतु मानव एवं जैवमंडल कार्यक्रम, जल-संसाधनों के प्रबंधन एवं निर्धारण हेतु अंतर्राष्ट्रीय जल-वैज्ञानिक कार्यक्रम, कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में सहयोग हेतु अंतरसरकारी सूचनात्मक कार्यक्रम तथा विकास के निमित्त वैज्ञानिक व तकनीकी सूचनाओं के वितरण में सहयोग हेतु यूएनएसआईएसटी। 1991 में एक एड्स निरोधी कार्यक्रम आरंभ किया गया।
युनेस्को के प्रमुख अंगों में महासम्मेलन, कार्यकारी बोर्ड तथा सचिवालय शामिल हैं। महासम्मेलन में सभी सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व होता है। यह बजट को मंजूरी देता है, महानिदेशक का चुनाव करता है तथा संगठन की सामान्य नीति का निर्णय करता है। इसका आयोजन प्रत्येक दो वर्ष के बाद होता है। नियमित सत्रों के अलावा महासम्मेलन द्वारा विभिन्न मुद्दों पर अंतरसरकारी बैठकें भी आमंत्रित की जा सकती हैं।
यूनेस्को के विश्व विरासत स्थल ऐसे स्थल होते हैं जो,
1. मानव रचनात्मक प्रतिभा की एक उत्कृष्ट कृति का प्रतिनिधित्व करने के लिए बनाए गये हो
2. एक समय के अंतराल पर दुनिया की किसी एक सांस्कृतिक क्षेत्र के भीतर वास्तुकला या प्रौद्योगिकी, स्मारकीय कला, शहरी योजना या परिदृश्य में मानव मूल्यों का महत्वपूर्ण प्रदर्शन करने वाले स्थल
3. एक अद्वितीय सांस्कृतिक परंपरा जो विद्यमान है या विलुप्त हो चुकी है
4. प्राकृतिक घटना या असाधारण प्राकृतिक सुंदरता और सौंदर्य महत्व के क्षेत्र
5. महत्वपूर्ण भू आकृतियों, या भूगर्भीय प्रक्रियाओं के द्वारा बनने वाले प्राकृतिक स्थल
6. महत्वपूर्ण स्थलीय, ताजा पानी, तटीय और समुद्री पारिस्थितिकी प्रणालियों और पौधों और जानवरों के समुदायों के विकास में पारिस्थितिकी और के विकास के लिए चल रही जैविक प्रक्रियाओं के प्रतिनिधित्व के उत्कृष्ट उदाहरण
7. विज्ञान या संरक्षण की दृष्टि से सार्वभौमिक मूल्य की प्रजातियाँ और उन सहित जैविक विविधता के यथास्थान संरक्षण के लिए सबसे महत्वपूर्ण और महत्वपूर्ण प्राकृतिक निवास स्थल
ऐसे महत्वपूर्ण स्थलों के संरक्षण की पहल यूनेस्को द्वारा की गई। इस आशय की एक अंतर्राष्ट्रीय संधि जो कि विश्व सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर संरक्षण की बात करती है 16 नवंबर 1972 को संयुक्त राष्ट्र संघ के मानवीय पर्यावरण सम्मेलन में “विश्व के प्राकृतिक और सांस्कृतिक धरोहरों पर सम्मेलन” को स्टॉकहोम, स्वीडन में स्वीकृति दी गई।
यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल की इस संधि में मुख्य रूप से 3 प्रकार के स्थल आते है-
प्राकृतिक धरोहर स्थल – ऐसी धरोहर भौतिक या भौगोलिक प्राकृतिक निर्माण का परिणाम या भौतिक और भौगोलिक दृष्टि से अत्यंत सुंदर या वैज्ञानिक महत्व की जगह या भौतिक और भौगोलिक महत्व वाली यह जगह किसी विलुप्ति के कगार पर खड़े जीव या वनस्पति का प्राकृतिक आवास हो सकती है।
सांस्कृतिक धरोहर स्थल – इस श्रेणी की धरोहर में स्मारक, स्थापत्य की इमारतें, मूर्तिकारी, चित्रकारी, स्थापत्य की झलक वाले, शिलालेख, गुफा आवास और वैश्विक महत्व वाले स्थान; इमारतों का समूह, अकेली इमारतें या आपस में संबद्ध इमारतों का समूह; स्थापत्य में किया मानव का काम या प्रकृति और मानव के संयुक्त प्रयास का प्रतिफल, जो कि ऐतिहासिक, सौंदर्य, जातीय, मानवविज्ञान या वैश्विक दृष्टि से महत्व की हो, शामिल की जाती हैं।
मिश्रित धरोहर स्थल – इस श्रेणी के अंतर्गत् वह धरोहर स्थल आते हैं जो कि प्राकृतिक और सांस्कृतिक दोनों ही रूपों में महत्वपूर्ण होती हैं।