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शब्द विचार (व्याकरण से आंशिक)

मूल शब्द से एक नया शब्द निर्मित होने की प्रक्रिया केवल एक प्रकार की

*घुमंतू* ( हास्य-व्यंग्य कविता )

हिंदी साहित्य के अग्रणी कवि आदरणीय 'श्री अरुण कमल‌ जी' द्वारा रचित कविता

अपने वर्णों को जानें ( हिंदी वर्णमाला ) व्याकरण से आंशिक

६. जहाँ तक क़ , ख़ , ग़ , ज़ , फ़ व्यंजनों का

अपने वर्णों को जानें (अक्षरों की रीति)‌ व्याकरण से आंशिक

स्वरों तथा व्यंजनों के मेल से अक्षर विविध रूपों में बनते हैं - १.

अपने वर्णों को जानें। ‌ ( व्याकरण से आंशिक)

हम पढ़ते हैं, वर्ण वह सबसे छोटी इकाई है; वह सबसे ‌छोटा अंश है,

मुझे क्यों याद आते हो? ( कविता )

उसी‌‌ आवाज़ ने हमको, आशाएँ दे डालीं हैं। प्रगति की किरण‌ दिखाई है, उन्नति मार्ग

“श्री!” स्वागतम् संदेश!

कुछ वर्ष पूर्व तक ऐसा प्रतीत होता था कि यह स्थिति केवल हिंदी की